दीपावली पर मिट्टी और गोमय दीपकों की बिक्री के लिए प्रोत्साहन !
ग्रामीण, कुम्हार, राजीविका समूहों को विक्रय में न हो कोई परेशानी – जिला कलेक्टर ने दिए निर्देश !
कोटपूतली-
आने वाले दीपावली पर्व के अवसर पर जिले में कुम्हार, ग्रामीणों और राजीविका समूहों द्वारा तैयार किए गए मिट्टी और गोमय (गोबर) के दीपकों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने विशेष निर्देश जारी किए हैं।
कलेक्टर ने संबंधित एसडीएम, तहसीलदार और नगर परिषद/नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नगरपालिका और नगर परिषद क्षेत्रों में दीपक बेचने के लिए आने वाले ग्रामीण विक्रेताओं से किसी भी प्रकार का कर नहीं वसूला जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बाजार में इन विक्रेताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। कलेक्टर ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे अधिक से अधिक मिट्टी और गोमय दीपकों का उपयोग करें ताकि पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकें।
गोमय दीपकों से प्रदूषण नहीं, हवा होती है शुद्ध—
कलेक्टर अग्रवाल ने बताया कि राजीविका समूहों द्वारा बनाए गए ये दीपक सरसों के तेल और रूई की बाती से जलाए जाते हैं। दीपक के जलने के दौरान यह आंशिक रूप से नष्ट होता रहता है और पर्व समाप्त होने पर इन्हें कपूर की सहायता से पूरी तरह जला दिया जा सकता है। इससे न केवल दीपक के अवशेष पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं बल्कि वातावरण भी शुद्ध होता है।
कलेक्टर ने कहा कि गोमय दीपक पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और इनसे प्रदूषण नहीं फैलता है। दीपक के जलने के बाद कोई अवशेष शेष नहीं रहता और यह पूरी तरह प्रकृति में समा जाता है, जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है।