शिक्षा प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सईद सिद्दीकी का कड़ा प्रहार

 

रमेश ठाकुर – रामनगर, पश्चिम चंपारण,  बिहार की शिक्षा प्रणाली में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के राष्ट्रीय महासचिव और पंचायती राज विभाग के प्रमुख, सईद सिद्दीकी ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने हाल ही में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) के घर से भारी नकदी बरामद होने की घटना को लेकर शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस घटना को केवल एक व्यक्ति का मामला न मानते हुए इसे पूरे शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों का परिणाम बताया।

सिद्दीकी ने कहा, “यह घटना स्पष्ट करती है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था किस हद तक भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंस चुकी है। शिक्षा, जो समाज और देश के विकास की नींव होती है, आज व्यापार बनकर रह गई है। शिक्षक भर्ती, स्थानांतरण और स्कूलों के फंड आवंटन जैसी प्रक्रियाएं नेताओं, अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ के कारण बर्बाद हो चुकी हैं। शिक्षक यूनियन, जो कभी शिक्षकों के अधिकारों और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनी थीं, अब इस भ्रष्टाचार का हिस्सा बन चुकी हैं।”

उन्होंने कहा कि योजनाओं के लिए आवंटित फंड का बड़ा हिस्सा आम जनता तक पहुंचने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। स्कूलों में शौचालय, पुस्तकालय और बुनियादी सुविधाओं की कमी इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

भ्रष्टाचार से प्रभावित हो रहे छात्र
सिद्दीकी ने कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा, “शिक्षा के अधिकार से वंचित होना छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय है। भर्ती घोटालों में अयोग्य लोगों की नियुक्ति और स्थानांतरण के लिए रिश्वत लेना आम हो गया है। इससे योग्य और प्रतिभाशाली शिक्षकों को मौका नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति का सीधा असर छात्रों की पढ़ाई और उनके उज्ज्वल भविष्य पर पड़ता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार का यह माहौल न केवल छात्रों बल्कि पूरे समाज को प्रभावित कर रहा है। जब शिक्षा व्यवस्था कमजोर होती है, तो उसका प्रभाव पूरे समाज की प्रगति और देश के विकास पर पड़ता है।

सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग
सिद्दीकी ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग करना चाहिए और सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल माध्यम से संचालित किया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने एक स्वतंत्र नियामक आयोग के गठन की मांग की, जो शिक्षा विभाग की गतिविधियों की निगरानी करे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।

उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग में जवाबदेही तय करने के लिए अधिकारियों की नियमित जांच-पड़ताल होनी चाहिए। शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और योग्यता-आधारित बनाया जाना चाहिए।

जनता से एकजुट होने की अपील
सिद्दीकी ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा, “शिक्षा का गिरता स्तर न केवल छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रहा है, बल्कि पूरे समाज को कमजोर बना रहा है। शिक्षा व्यवस्था को सुधारना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है।”

उन्होंने यह भी कहा कि समाज को यह समझना होगा कि शिक्षा में सुधार के बिना देश की प्रगति संभव नहीं है। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना सरकार और समाज दोनों का कर्तव्य है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता
सईद सिद्दीकी ने इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, “हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता के साथ खड़े हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षा विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके।”

उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे इस लड़ाई में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और शिक्षा को बेहतर बनाने के इस मिशन में साथ दें। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक शिक्षा विभाग को पारदर्शी और ईमानदार नहीं बनाया जाएगा, तब तक बिहार और देश की प्रगति अधूरी रहेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button