महाराजा होता है तो मात्र एक (मतदान वाले) दिन का ही। समस्याओं से जूझने के मामले में बाकी दिन यानी अगला मतदान होने तक उसकी स्थिति दास से भी बदतर होती है।
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राष्ट्रीय
चौथे चरण के मतदान पर विशेष : हे ! एक दिन के महाराजा, आश्वासन का पिटारा लीजिए और बदले में वोट दीजिए
लोकसभा के लिए आज सोमवार को चौथे चरण का मतदान है। लेकिन सबसे ज्यादा वोट किस राजनीतिक दल के…
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