बिहार के पश्चिम चंपारण में शिक्षा विभाग का महाघोटाला: जिला शिक्षा पदाधिकारी के घर से भारी नकदी बरामद, भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा खुला
_रमेश ठाकुर नरकटियागंज रामनगर पश्चिमी चंपारण,बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के शिक्षा पदाधिकारी के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। यह घटना न केवल एक व्यक्ति की बेईमानी को उजागर करती है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की गहरी खामियों और पूरे तंत्र की विफलता को सामने लाती है।
जांच में यह बात सामने आई है कि शिक्षक भर्ती, स्थानांतरण, स्कूलों के फंड, और निर्माण कार्यों में कमीशन आधारित व्यवस्था ने पूरे तंत्र को भ्रष्ट बना दिया है। नेताओं, अधिकारियों, और ठेकेदारों के गठजोड़ ने शिक्षा व्यवस्था की जड़ों को कमजोर कर दिया है।
शिक्षा के विकास के लिए जारी सरकारी फंड का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। स्कूलों में शौचालय, पुस्तकालय, और अन्य बुनियादी सुविधाओं की दयनीय स्थिति इसका स्पष्ट प्रमाण है। मध्यान्ह भोजन योजना और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं में भी धांधली आम हो गई है।
भ्रष्टाचार के चलते शिक्षक भर्ती में पैसे लेकर अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाता है। स्थानांतरण और अन्य लाभों के लिए रिश्वत लेना आम हो गया है, जिससे योग्य शिक्षकों को अवसर नहीं मिल पाते और शिक्षा स्तर लगातार गिर रहा है।
भ्रष्टाचार से प्रभावित शिक्षा न केवल छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रही है, बल्कि समाज को कमजोर कर रही है। गरीब और जरूरतमंद छात्र योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस स्थिति को सामान्य मानने वाले बच्चे अपने अधिकारों के लिए लड़ने का साहस भी खो देते हैं।
शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह केवल शिक्षा विभाग का मामला नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक का मुद्दा है। बिहार के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अब समय आ गया है कि सभी लोग इस लड़ाई को गंभीरता से लें और शिक्षा को भ्रष्टाचार मुक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
चंपारण के 18 प्रखंड में महीने भर में प्रखंड भर में किस किस नंबरों से लगातार बात करते है,इसका भी बात होना चाहिए।और एक दिन में किस नंबर पे किस मुद्दे पे बात हुई इसका भी सीडीआर निकलना चाहिए,तभी भ्रष्टाचार का पोल खुलेगा।