सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स सोषल सिक्योरिटी की मांग को लेकर हुआ एकजुट – राजेष अगव्राल

नई दिल्ली। सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की उदासीन आश्रम, आराम बाग, पहाड़गंज में व्यापारी वर्ग, सीए, वकील, डॉक्टर आदि के साथ एक बैठक भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री राजेश अग्रवाल जी के सानिध्य में संपन्न हुई।
बैठक में विशेष रूप से व्यापारियों का वह वर्ग जिसका उत्पीड़न व शोषण हो रहा है सभी ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि भारत वर्ष के रैवेन्यू में मिलने वाला करीब 40 प्रतिशत टैक्स जिसको सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स अपने संसाधनों से इक्ट्ठा करता है और उसके बाद भी अनेक विभागों द्वारा उनका शोषण और दोहन खुले आम हो रहा है। वक्ताओं ने कहा कि क्यां न सरकार सोर्स पर टैक्स लगाकर अन्य टैक्स समाप्त कर दें।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार को विचार करना चाहिए कि वह हर वर्ग को सुविधाएं प्रदान करती है परंतु क्या व्यापारी जो अपना खून पसीना एक कर, सरकार को टैक्स जमा करता है उसके कभी रिटायरमेंट पर बुढ़ापे के समय जीवन यापन के बारे में क्यां नहीं सोचा जाता है? व्यापारी कभी कभी प्राकृतिक विपदा का भी शिकार हो जाता है दैविय आपदा आ जाती है उसको कहीं न कहीं सोशल सिक्योरिटी की आवश्यकता है। उन्हांने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत वर्ष में अनेक उदाहरण हांगे परंतु एक उदाहरण श्री गौतम सिंघानिया जी का दिया जा सकता है। अंत में उन्हांनें आयोजकों को कहा कि वह जन जागरण में लगें, हर स्तर पर सांसदों को प्रतिवेदन करें और उन्हांने स्वयं भी इस प्रस्ताव को सरकार व भाजपा नेतृत्व को अवगत कराकर सहयोग करने का आश्वासन दिया।
सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री जय भगवान गोयल ने बताया कि हमारी पिछले मीटिंग 1 जुलाई 2024 के बाद, सोशल सिक्योरिटी की मांग का विषय सारे देश में जोर पकड़ रहा है। देश का सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स इस मुद्दे पर अपना समर्थन व सहयोग एसटीएफआई को दे रहा है। हमारी मुख्यतः तीन मांगे हैं-
1. 60 वर्ष की आयु के बाद सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स को पेंशन।
2. सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स को उचित मेडिकल सुविधा।
3. आपातकाल समय व्यापार में नुकसान की स्थिति में सरकार द्वारा ऋण की व्यवस्था।
इस मौके पर सेल्फ एम्पलायड टैक्स पेयर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सर्वश्री महासचिव वी. डी. अग्रवाल (सी.ए.) ने बताया कि उपरोक्त व्यवस्था देने पर सरकार के खजाने पर कोई अधिक अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि बहुत नयूनतम है और इस व्यवस्था को लागू करने से टैक्स का कलेक्शन और टैक्स बेस भी बढ़ेगा। इसके अलावा वाईस चेयरमेन श्री सुरेश गोयल (सी.ए.), स्वास्थ्य सचिव डॉ. वाई. पी. जिन्दल व वित्तीय सचिव श्री रविन्द्र गर्ग ने भी अपने अपने विचार रखे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button