वसूली , प्राइवेट प्रैक्टिस, साले की दवा कंपनी और नॉन रजिस्टर्ड महिला टेक्निशियन को लेकर चर्चा में कानपुर कार्डियोलॉजी के डॉक्टर नीरज कुमार !
प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए चर्चित और बसपा समर्थित डॉक्टर नीरज कुमार आदेश - निर्देश और नियमों के खिलाफ कार्डियोलॉजी में कराते हैं गैर पंजीकृत महिला टेक्नीशियनों से काम
– प्राइवेट आवास में भी बुलाने के चलते पता नहीं क्यों भयभीत, तनाव ग्रस्त और गुमसुम बताई जातीं कार्डियोलॉजी में गैर पंजीकृत महिला टेक्नीशियन
– डॉ नीरज कुमार पर अवकाश के दिन मरीजों को अपनी प्राइवेट क्लीनिक में बुलाने, कमीशन के लालच में कार्डियोलॉजी के बजाय मरीजों को दिल्ली समेत अन्य अस्पतालों में भिजवाने, लिए जाने वाले पैसे की रसीद नहीं देने और साले की कंपनी की दवाईयां बिकवाने का भी आरोप, सीएम से कार्रवाई की मांग
सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां का लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान आजकल आर्थिक स्वार्थ पूर्ति का इरादा हर हाल में पूरा करने वाले डाक्टरों के निशाने पर है।
सूत्रों की माने तो कुछ डाक्टरों ने कार्डियोलॉजी में सेवाओं के नाम पर बाकायदा एक संगठित गिरोह बना रखा है। इसकी कमान भ्रष्टाचार के विभिन्न हथकंडों से कार्डियोलॉजी के जरिए हुई भारी कमाई के फलस्वरूप करोड़ों की चल – अचल नामी – बेनामी सम्पत्ति का मालिक बनने में सफल डाक्टर नीरज कुमार के हाथ में बताई जाती है। इसी के साथ उनके पद चिन्हों पर चलने को लेकर डॉ अनिल कुमार और सहायक प्रोफेसर डॉ संदीप गौतम का भी नाम चर्चा में है।
कार्डियोलॉजी से जुड़े भरोसे सूत्रों की माने तो पहले मरीज को किसी न किसी बहाने जाल में फसाया जाता है और फिर उन्हें तरह-तरह के झांसा देकर और बरगला कर अधिक से अधिक कमाई का इरादा पूरा किया जाता है। इसके लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं ,जिसके लिए कार्डियक सर्जन डॉक्टर नीरज कुमार ,डॉ अनिल कुमार और सहायक प्रोफेसर डॉ संदीप गौतम के खिलाफ सरकार और कार्डियोलॉजी की छवि तथा मरीजों के हित में जांच कर प्रभावी कार्रवाई किए जाने की मांग भी मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है।
पीड़ित मरीजों ,तीमारदारों और भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से कार्डियक सर्जन डॉक्टर नीरज कुमार द्वारा आर्थिक स्वार्थ पूर्ति के इरादे से आदेश निर्देशों और नियमों की विपरीत किए जाने वाले आचरण से न केवल कार्डियोलॉजी के मरीजों की जान खतरे में पड़ती रहती है , बल्कि इसी वजह से कार्डियोलॉजी के साथ ही यूपी सरकार की छवि भी खराब हो रही है ,जिसकी असली वजह है, कार्डियक सर्जन डाक्टर नीरज कुमार द्वारा नियमों तथा आदेश निर्देशों के विपरीत कानपुर कार्डियोलॉजी में आपरेशन के नाम पर अवैध उगाई करना, लिए गए पैसे की रसीद नहीं देना, ,प्राइवेट प्रैक्टिस करना, ओपी डी के संचालन में आदेश निर्देश और नियमों के विपरीत लगभग आधा दर्जन गैर पंजीकृत महिला टेक्नीशियन का प्रयोग करने के रूप में मरीजों का जीवन खतरे में डालना आदि बताई जाती है।
कार्डियोलॉजी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इसी के साथ अलग रहने वाली अपनी पत्नी की गैर मौजूदगी में उन्हीं नॉन रजिस्टर्ड महिला टेक्नीशियन में कई को अपने प्राईवेट आवास पर आने और रहने को मजबूर करना, और साथ रहने के बजाय पत्नी द्वारा अलग रहने की वजह से डॉक्टर नीरज कुमार द्वारा इन सभी गैर पंजीकृत महिला टेक्नीशियनों के साथ पता नहीं ऐसा क्या करना ,जिससे उनका भयभीत, तनाव ग्रस्त और गुमसुम आदि रहना भी भविष्य में किसी बड़ी गंभीर घटना होने के रूप में भी कार्डियोलॉजी और सरकार की बदनामी का भी कारण बन सकता है।
भरोसेमंद सूत्रों का दावा यह भी है कि रविवार आदि अवकाश पर वरिष्ठ विशेषज्ञों के नहीं होने का फायदा उठाकर मरीजों को अपनी प्राइवेट क्लीनिक पर बुलाना, कार्डियोलॉजी के बजाय उन्हें दिल्ली समेत अन्य अस्पतालों के लिए रिफर करना और अधिक से अधिक कमीशन के लालच में मरीजों को अपने साले अमित कुमार की कम्पनी सिंस मेड फार्मा की दवायें खरीदने को मजबूर करना आदि भी डॉ नीरज कुमार के स्वार्थ पूर्ति के खतरनाक इरादे को साफ जाहिर भी करता है।
सूत्र यह भी दावा करते हैं कि कार्डियक सर्जन डा.नीरज कुमार इलाज आपरेशन आदि के नाम पर विभिन्न अवैध हथकंडों से आय से अधिक लाखों – करोड़ों की चल – अचल , नामी – बेनामी संपत्ति अर्जित करने में भी सफल हुए हैं , जिसकी पुष्टि उनकी आय से अधिक संपत्ति की जांच कराए जाने से भी की जा सकती है।
हृदय रोग संस्थान के सूत्रों की माने तो डॉक्टर अनिल कुमार और सहायक प्रोफेसर डॉक्टर संदीप गौतम भी विभिन्न हथकंडों से अधिक से अधिक कमाई के लिए लगभग डॉ नीरज कुमार के ही नक्श ए कदम पर चलकर ना केवल कार्डियोलॉजी और सरकार की छवि खराब कर रहे हैं, बल्कि मरीज उनके तीमारदारों को आर्थिक हानि पहुंचाने के साथ ही उनका जीवन भी खतरे में डाल रहे हैं, जिसका ज्वलंत उदाहरण 8 जून 2023 को भर्ती नगला स्वरूप बरहन जिला आगरा निवासी डोरीलाल कठेरिया पुत्र मूलचंद की डॉ नीरज कुमार के कथित लालच की वजह से ही हुई असमय मौत भी बताई जाती है।
इसीलिए यूपी सरकार द्वारा कार्डियोलॉजी के डॉक्टर नीरज कुमार आदि पर लगे इन सभी गंभीर आरोपों की उच्च स्तरीय जांच करा कर दोषियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को जनहित में आवश्यक माना जा रहा है। अंततः सवाल यही कि इस मामले में जांच कर प्रभावी कार्यवाही का कदम क्या वास्तव में उठाया जाएगा या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
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