फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉई (FWICE) एशिया की सबसे बड़ी फिल्म फेडरेशन-
लगातार तीसरी बार के विजेता - चेयरमैन श्री बी एन तिवारी के खास मुलाकात
खास रिपोर्ट
अजित चौबे ” भृगुवंशी” , मुंबई
मुंबई, हिंदी, भोजपुरी और मराठी सिनेमा के गढ़ कहे जाने वाले मुंबई शहर का एक नाम मायानगरी भी अरसे से प्रचलन में है। और सिनेमा की माया ऐसी है कि इसके आभामंडल को अगर सिरे से न समझा जाया तो बाहर से आना वाला इंसान इसमें गोल गोल घूमकर रह जाता है। किसी फिल्म, धारावाहिक या ओटीटी सीरीज बनाने के लिए शुरुआत भले एक अच्छी कहानी या एक बड़े सितारे की उपलब्धता से होती है लेकिन इसे सिनेमाघरों, टेलीविजन या ओटीटी तक प्रसारित, प्रकाशित करने के बीच की प्रक्रिया सरल नहीं है। सिनेमा बनाने वालों के लाखों परिवार मुंबई में रहते हैं और इस सबको एक तार से जोड़े रखने के लिए बनी फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉईज (FWICE)। ये फेडरेशन दरअसल मनोरंजन जगत में काम करने वाले तकनीशियनों, कारीगरों, कामगारों, कलाकारों और निर्माताओं की अलग अलग यूनियनों के बीच समन्वय का काम करती है और फेडरेशन के अध्यक्ष बी एन तिवारी की मानें तो ऐसी करीब 34 यूनियनें इस फेडरेशन के तहत काम करती हैं।
FWICE के प्रेसिडेंट श्री बी एन तिवारी के मुताबिक, 1956 में ‘फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉई’ की शुरुआत की गई। 1958 में इसका रजिस्ट्रेशन हुआ। उस वक्त तक बहुत सारी एसोसिएशन हो गई थीं। इन सभी को कंट्रोल करने के लिए एक मदर बॉडी की जरूरत थी। इसी को ध्यान में रखकर FWICE का गठन हुआ। आज इसके अंडर 34 एसोसिएशन हैं। कुल मिलाकर 4 से 5 लाख मेंबर्स इस फेडरेशन से जुड़े हैं।
FWICE का एक संविधान है,ऐसे कुल 34 एसोसिएशन हैं, जिन्हें फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉई (FWICE) मैनेज करती है। यह एशिया की सबसे बड़ी फिल्म फेडरेशन है। इससे 4 से 5 लाख मेंबर्स जुड़े हुए हैं। यह फेडरेशन एक्टर्स, डायरेक्टर्स-प्रोड्यूसर्स और जूनियर आर्टिस्ट एसोसिएशन सहित 34 एसोसिएशन की मदर बॉडी है। इस संविधान को मानने के लिए सारे 34 एसोसिएशन और इसके मेंबर्स बाध्य हैं। अगर कोई एसोसिएशन FWICE के खिलाफ जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा अगर कोई मेंबर अपने एसोसिएशन के खिलाफ किसी कार्य में लिप्त पाया गया तो FWICE उसे नॉन मेंबर घोषित कर सकती है।
आज की डेट में फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे 90% लोग इन 34 एसोसिएशन के साथ जुड़े हुए हैं। अगर ये एसोसिएशन अपने मेंबर्स को काम करने से रोक दें तो अगले दिन से फिल्में बननी बंद हो जाएंगी।
हर एसोसिएशन से तीन आदमी जनरल काउंसिल के लिए चुने जाते हैं। उन तीनों में से एक आदमी को वोट देने का अधिकार होता है। मतलब हर एसोसिएशन से एक वोट मान्य होता है। अब मान लीजिए, 34 एसोसिएशन हैं तो हिसाब से 34 लोग मिलकर FWICE के प्रेसिडेंट को चुनते हैं। अभी 13 मई को FWICE के प्रेसिडेंट का इलेक्शन होना है। इस बार नॉमिनेशन ६ और ७ मई को किया गया , ये इनकी लगतार तीसरी बार जीत होगी , और इस बार की जीत का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योकि इस बार निर्विरोध चुनकर FWICE के चेयरमैन श्री बी एन तिवारी , श्री अशोक दुबे जी (महासचिव) , और श्री गंगेश्वर श्रीवास्तव (संजू) कोषाध्यक्ष अपने अपने पद पर फिर से आसीन होंगे ।
किसी का निर्विरोध चुना जाना उनके कार्यकाल के दौरान किये गए कार्य पर पूरी तरह से निर्भर करता है , FWICE फेडरेशन के कामगारों , मेंबर्स के हितो को ध्यान में रख कर कॅरोना काल में पहल कर लोगो के लिए बेहतरीन कार्य किये थे ।
फेडरेशन ने कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान जब मुंबई में शूटिंग पूरी तरह से बंद थी तो अपनी यूनियनों के सदस्यों के लिए श्री बी एन तिवारी और उनकी टीम सक्रिय हुई। श्री बी एन तिवारी के मुताबिक, ‘लॉकडॉउन में अपने वर्कर्स के फोन नंबर जुटाना, उनके अकाउंट नंबर पता लगाना जैसी कई बड़ी जिम्मेदारियां हमारे ऊपर थीं। कामगारों के लिए सलमान खान ने तक़रीबन 14 करोड़ रूपये की आर्थिक मदद की थी , अमिताभ बच्चन ने भी सोनी टीवी और कल्याण ज्वेलरस के साथ मिलकर लगभग 1 लाख कूपन वितरण किये थे जिसकी वैल्यू 1500 रूपये थी जो गरीबो और ज़रूरतमंदो के लिए राशन के ख़रीदे जा सके, अजय देवगन ने 51 लाख रुपये दिया, रोहित शेट्टी ने 51 लाख रुपये, नेटफ्लिक्स ने साढ़े सात करोड़ रुपये दिए। वही फेडरेशन के आग्रह पर लोगों के पास लॉकडाउन में काम नहीं था और पैसों की बहुत जरूरत थी और टीका लगवाने के लिए लंबी कतार लगानी पड़ती थी। यशराज फिल्म्स ने 15000 लोगो को फ्री में वैक्सीन लगवाए, साथ ही साथ अभी भी आर्थिक रूप से कमजोर मेंबर्स की 2 लाख का मेडिक्लेम और उनके बच्चो के फ्री एजुकेशन देता है , और ये सारे चीज़ फेडरेशन के अगुवाई में संचालित किये गए उसके बाद पीवीआर पिक्चर्स ने भी करीब सात-आठ हजार लोगों का वैक्सीनेशन कराया।’
श्री बी एन तिवारी के मुताबिक इन दिनों फेडरेशन कामगारों को घर भी दिला रही है? ‘जी हां, कर्जत के पास एक जगह है सेलू वहां हम 50 हजार घर बना रहे हैं। इसमें से 10 हजार घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मंजूर हो गए हैं। उनका काम भी हो चूका है। एक छोटी सी फिल्म या शो बनाने में कई लोगों की मेहनत लगती है। इसमें प्रोड्यूसर-डायरेक्टर, आर्टिस्ट के अलावा कैमरामैन, टेक्नीशियंस, स्पॉटबॉय और क्रू मेंबर्स का भी बड़ा रोल होता है। ये एसोसिएशंस इन सारे लोगों के हितों का ध्यान रखती हैं।