जिंदगी जीने के लिए है काटने के लिए नहीं:आलोक पोरवाल क्षेत्रीय सिनेमा नई कहानी कह रहा है: अजीत चौबे

कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में छात्रों को सिनेमा जगत की गहनता और वास्तविकता को समझाने के लिए शुक्रवार को दो सत्रों आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ योगेंद्र कुमार पांडे ने मुख्य अतिथि आलोक कुमार को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट करके किया। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता आलोक पोरवाल ने बॉलीवुड टॉक विषय पर छात्रों से वार्ता करते हुए कहा की प्रत्येक व्यक्ति के भीतर एक कलाकार हमेशा विद्यमान रहता है और वो व्यक्ति अपने जीवन में दो किरदार निभाता है। जिसमे एक जो उसकी वास्तविकता होती है और दूसरा जिसकी वो भूमिका निभाता है। अपने जीवन के कुछ अहम हिस्सों का व्याख्यान करते हुए कहा की सिनेमा जगत में आप तभी सफल हो पायेंगे जब तक आप उसकी वास्तविकता नही समझेंगे। सिनेमा जगत जितना बाहर से चकाचौंध नजर आता है भीतर से उतना ही अंधेरे में डूबा हुआ है।
जबकि द्वितीय सत्र में अजीत चौबे जी ने ‘राष्ट्रीय फलक पर क्षेत्रीय सिनेमा’ पर वात करते हुए कहा की क्षेत्रीय सिनेमा ही वह सिनेमा है जिसने बॉलीवुड को जन्म दिया है। और कहा की जहां क्षेत्रीय सिनेमा हमारे संस्कृति को बढ़ावा देता हैं वहीं दूसरी ओर बॉलीवुड सिनेमा में इसकी कमी है। जहां क्षेत्रीय सिनेमा जो हमारे क्षेत्रीय कलाकारों को सिनेमा में उभरने का मौका देता है जबकि बॉलीवुड में अच्छे कलाकारों के बजाय भाई भतीजावाद को अधिक बढ़ावा दिया जाता है। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ योगेंद्र कुमार पांडे, डॉ जितेंद्र डबराल, मीडिया प्रभारी विशाल शर्मा, ओमशंकर गुप्ता, सागर कनौजिया के साथ छात्र– छात्राएं मौजूद रहे।

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