महाविद्यालय में पीसीपीएनडीटी अधिनियम पर जागरूकता व्याख्यान का आयोजन !
कोटपूतली-
राजकीय एलबीएस महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ. आर. के. सिंह की अध्यक्षता में महिला प्रकोष्ठ द्वारा शुक्रवार को पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम 1994 पर जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य गिरते हुए लिंगानुपात और कन्या भ्रूण हत्या जैसी गंभीर सामाजिक समस्याओं के प्रति छात्रों और संकाय को जागरूक करना था।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता सह आचार्य डॉ. प्रीति गुप्ता ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों और उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य भ्रूण के अवैध लिंग परीक्षण को रोकना है ताकि समाज में कन्या भ्रूण हत्या पर नियंत्रण किया जा सके। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल गंभीर आनुवंशिक विकार या वंशानुगत विकृति के मामलों में ही भ्रूण परीक्षण की अनुमति है।
डॉ. गुप्ता ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम 1971 और दहेज निषेध अधिनियम 1961 की भी जानकारी देते हुए बताया कि इन कानूनों का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करना है।
प्राचार्य डॉ. आर. के. सिंह ने कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात पर चिंता जताई और समाज में बेटा-बेटी को समान रूप से महत्व देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम का संचालन महिला प्रकोष्ठ संयोजिका डॉ. शोभा जोहरी ने किया अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. मधु नागर, डॉ. पदमा मीणा, डॉ. बबीता यादव, ज्योति पाठक, डॉ. शिवांगी भट्ट, निशा सहित संकाय सदस्य व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।