*ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आरजीसीआईआरसी ने पिंक वॉक का आयोजन किया*

 

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर, 2024: कैंसर देखभाल और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी संस्थानों में शुमार राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर ने महिलाओं में सबसे आम कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने, शीघ्र पहचान को प्रोत्साहन देने और सामुदायिक सहभागिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए ‘ब्रैस्ट कैंसर जागरूकता माह’ के उपलक्ष में ‘पिंक वॉक’ का आयोजन किया।
‘जागरूकता सशक्तिकरण और जीवन बचाने’ नामक विषय पर आयोजित वॉकाथन में उत्तरजीवितों (सर्वाइवर्स) सहित विभिन्न पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों ने साथ आकर जीवटता और एकता का परिचय दिया।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा किया गया, जिनमें डॉ. सुधीर कुमार रावल, मेडिकल निदेशक, डॉ. पिंकी यादव, निदेशक संचालन एवं एमएस, और अन्य गणमान्य शामिल थे।

कार्यक्रम में कैंसर पर विजय पाने वालों ने सबसे आगे रहकर भरपूर उत्साह के साथ भाग लिया, और बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और रोकथाम उपाय अपनाने की आवाज बुलंद की। इसके अलावा कई वरिष्ठ डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसमें हिस्सा लिया।

यहआरजीसीआईआरसी के रोहिणी परिसर के गेट से शुरू होकर 3.5 किमी का सफर तय किया, जिसमें फैकल्टी, डॉक्टरों, निवासियों, अस्पताल के कर्मचारियों और ब्रैस्ट कैंसर उत्तरजीवितों सहित 200 प्रतिभागी इस महत्वपूर्व उद्देश्य के लिए साथ आये।

पिंक वॉक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आरजीसीआईआरसी में चीफ ऑफ ब्रैस्ट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और कार्यक्रम के आयोजक चेयरपर्सन डॉ. के. एम. एम. विश्वाक चान्थर ने कहा, “वॉकाथन का उद्देश्य ब्रैस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना और एक स्वस्थ जीवनशैली की भूमिका के महत्व को रेखांकित करना था। विशेषकर उत्तरजीवितों सहित प्रतिभागियों के उत्साह से इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को निश्चित ही प्रेरणा मिली है, और साथ ही स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के महत्व के प्रति सभी को जागरूक किया है।”

सुबह 6:30 बजे शुरू हुई वॉकाथन में विभिन्न आयु वर्गों के पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया।

“ब्रैस्ट कैंसर भारत की महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। चिंताजनक आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक चार मिनट में एक नया मामला सामने आता है। इसका शीघ्रातिशीघ्र पता चलना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे ठीक होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है, यानि कि स्टेज 1 पर 90-95 प्रतिशत तक। यह समझना जरूरी है कि ब्रैस्ट कैंसर से पुरुष भी प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन कईयों को इसके बारे में पता नहीं है। हमारी पिंक वॉक में महिला और पुरुष दोनों ने हिस्सा लेकर इस बात के महत्व पर प्रकाश डाला है कि जागरूकता और शीघ्र पहचान सभी के लिए अतिआवश्यक है,” डॉ. चान्थर ने आगे बताया।

वॉक के अलावा प्रतिभागियों को ब्रैस्ट स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने, नियमित स्क्रीनिंग के महत्व और शीघ्र पहचान के लिए जरूरी कदमों की जानकारी देने के लिए सूचना पैम्फलेट भी बांटे गये।

कार्यक्रम ने उत्तरजीवितों (सर्वाइवर्स) को एकजुट करते हुए खासकर स्क्रीनिंग कार्यक्रम सहित बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाई, और कैंसर उत्तरजीवितों और मरीजों के अंदर सामुदायिक भावना विकसित की।

कैंसर देखभाल और शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः रेखांकित करते हुए आरजीसीआईआरसी ब्रैस्ट कैंसर के विरुद्ध युद्ध में विशेष प्रभाव छोड़ने और यह समझाने की जागरूकता और शीघ्र पहचान जीवन बचा सकती है, के लिए प्रयासरत है।

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