पश्चिम चंपारण के रामनगर के धोकराहा में पंचायत भवन निर्माण को लेकर टकराव, ग्रामीणों ने दी कड़ी चेतावनी
विजय शर्मा – बगहा, पश्चिमी चंपारण, बिहार_पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर अंचल के धोकराहा पंचायत में पंचायत सरकार भवन के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रशासन द्वारा चयनित भूमि पर जब सीमांकन के लिए रामनगर अंचलाधिकारी अपने पूरे प्रशासनिक दल एवं JCB के साथ पहुंचे, तो ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया। देखते ही देखते प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
गांव के लोगों का कहना है कि जब पंचायत के मध्य भाग में बड़ा सरकारी पोखरा उपलब्ध है, तो प्रशासन पुराने पूजा स्थल और मंदिर की जमीन को ही क्यों निशाना बना रहा है? धोकराहा गांव के हनुमान मंदिर के प्रांगण में पंचायत भवन निर्माण की योजना बनाई गई है, लेकिन ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह मंदिर गांव की धार्मिक आस्था का केंद्र है और यहीं पर तालाब भी है, जिसे ग्रामीणों ने अपने सहयोग से खुदवाया था। इस तालाब में छठ पूजा का आयोजन होता है, साथ ही नागपंचमी का मेला भी इसी स्थान पर लगता है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि मंदिर प्रांगण में कई बड़े वृक्ष हैं, जिन्हें पंचायत भवन निर्माण के लिए काटना पड़ेगा। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा और भविष्य में यहां किसी भी प्रकार के यज्ञ या धार्मिक आयोजन करने में कठिनाई होगी। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि इस स्थान को बचाते हुए पंचायत भवन का निर्माण पोखरा की भूमि पर किया जाए, जिससे सभी को सुविधा हो और धार्मिक स्थल भी सुरक्षित रहे।
स्थानीय भाजपा नेता बालकिशोर शर्मा ने प्रशासन के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा,
“गांव के बीचो-बीच स्थित बड़े पोखरे की भूमि उपलब्ध होने के बावजूद प्रशासन धार्मिक स्थल की जमीन को लेकर अड़ा हुआ है, यह गलत है। अगर पंचायत भवन का निर्माण करना ही है, तो पोखरा पर किया जाए, ताकि गांव के लोगों को कोई आपत्ति न हो।”
वहीं, प्रशासन का कहना है कि उन्होंने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भूमि का चयन किया है और निर्धारित स्थान पर ही पंचायत सरकार भवन का निर्माण होगा। अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस विकास कार्य में कोई रुकावट न डालें।
प्रदर्शनकारियों में गोपल प्रसाद, मुखिया गौरिशंकर प्रसाद, सरपंच सुभाष साह, उप मुखिया राजाराम राम, बालकिशोर शर्मा, भुषण यादव, छोटेलाल शर्मा, नेपाल साह, बीरेंद्र सोनी, प्रहलाद राम, प्रमोद शर्मा, प्रमोद राव, बृजा सिंह, असर्फी यादव, प्रेम नारायण यादव, तुलसी यादव, रामप्रवेश शर्मा, हीरा प्रसाद समेत हजारों ग्रामीण उपस्थित रहे।
इस मुद्दे को लेकर गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि प्रशासन भी अपने निर्णय पर कायम है। अगर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनती है, तो यह मामला आगे और तूल पकड़ सकता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच कोई समझौता होता है या विरोध प्रदर्शन और तेज होता है।